-15 जवान छत्तीसगढ़ की झीरमघाटी में फिर हो गए शहीद
छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की सरकार है। कांग्रेस के 29 लोग पहले ही जान गंवा चुके हैं। आज राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी टीवी पर जमकर एक दूसरे पर बरस रहे हैं। परन्तु दोनों ने ही अब तक इन शहीदों को लेकर एक शब्द नहीं बोला। क्या 15 जवानों के परिवारों का गम इनकी गरज से कम हो सकती है। क्या इन दोनों नेताओं और इनके समर्थकों की एक भी आवाज बंद हो गई। गले सूख गए। क्यों एक शब्द भी आतंकवाद के खिलाफ क्यों नहीं बोलते। आखिर देश तो चलाने के लिए ही तो वोट मांग रहे हैं।
15 जवान एक सड़क बनाने में मदद को जा रहे थे। विकास सड़क बनने के बाद ही आएगा। विकास पुरुष वहां पहुंचकर उन नक्सलियों को ललकारने की हिम्मत दिखाएंगे। या फिर इन जवानों की शहादत अन्य जवानों की तरह ही देश को भुला दिया जाएगा। कश्मीर में धर्म के नाम पर आतंकियों के खिलाफ बोलने वाले भाजपा के नेता भी इस घटना के बाद चुप्पी साधे हुए हैं। वे केवल धर्म की राजनीति करते हैं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार तीसरी बार बन रही है। फिर आज तक भाजपा नक्सली समस्या को क्यों समाप्त नहीं कर पाई। अगर वह 15 साल से एक राज्य से नक्सली समस्या का हल नहीं निकाल सकें हैं। तो फिर देश में आतंक पर कैसे अकुंश लगा पाएंगे। कांग्रेस तो इस मामले में पूरी तरह से विफल हो चुकी है। इसी से लोग उससे नाराज है। भाजपा भी कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही है। अगर एेसा नहीं है तो उन्हें इसका खुलकर प्लान बताना चाहिए। तभी लोगों का वह भरोसा जीत सकती है।
छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की सरकार है। कांग्रेस के 29 लोग पहले ही जान गंवा चुके हैं। आज राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी टीवी पर जमकर एक दूसरे पर बरस रहे हैं। परन्तु दोनों ने ही अब तक इन शहीदों को लेकर एक शब्द नहीं बोला। क्या 15 जवानों के परिवारों का गम इनकी गरज से कम हो सकती है। क्या इन दोनों नेताओं और इनके समर्थकों की एक भी आवाज बंद हो गई। गले सूख गए। क्यों एक शब्द भी आतंकवाद के खिलाफ क्यों नहीं बोलते। आखिर देश तो चलाने के लिए ही तो वोट मांग रहे हैं।
15 जवान एक सड़क बनाने में मदद को जा रहे थे। विकास सड़क बनने के बाद ही आएगा। विकास पुरुष वहां पहुंचकर उन नक्सलियों को ललकारने की हिम्मत दिखाएंगे। या फिर इन जवानों की शहादत अन्य जवानों की तरह ही देश को भुला दिया जाएगा। कश्मीर में धर्म के नाम पर आतंकियों के खिलाफ बोलने वाले भाजपा के नेता भी इस घटना के बाद चुप्पी साधे हुए हैं। वे केवल धर्म की राजनीति करते हैं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार तीसरी बार बन रही है। फिर आज तक भाजपा नक्सली समस्या को क्यों समाप्त नहीं कर पाई। अगर वह 15 साल से एक राज्य से नक्सली समस्या का हल नहीं निकाल सकें हैं। तो फिर देश में आतंक पर कैसे अकुंश लगा पाएंगे। कांग्रेस तो इस मामले में पूरी तरह से विफल हो चुकी है। इसी से लोग उससे नाराज है। भाजपा भी कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही है। अगर एेसा नहीं है तो उन्हें इसका खुलकर प्लान बताना चाहिए। तभी लोगों का वह भरोसा जीत सकती है।
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