देश में इस समय इंटरव्यू की बाढ़ सी आई हुई है। तमाम राजनेता एक के बाद एक टीवी चैनलों, अखबारों को इंटरव्यू दे रहे हैं। चैनलों के बीच होड़ मच गई है। लेकिन इस होड़ को शुरुआत का श्रेय दैनिक भास्कर को जाता है। राहुल गांधी का पहला इंटरव्यू दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ था।
हर चैनल लगातार नेताओँ के इंटरव्यू लेने का प्रयास करने लगा। उससे ज्यादा नेता अपने इंटरव्यू देने को तैयार हो गए। राहुल ने कई चैनलों और अखबारों को इंटरव्यू दिए। पत्रकारों के सवालों से कतराने वाले भाजपा के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने भी पहली बार राजस्थान के ईटीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। लेकिन उसकी उतनी प्रतिक्रिया नहीं हुई। कमजोर सवालों के सामने मोदी हावी रहे। उनकी भाव-भंगिमा देखकर सभी इसे प्रचार का पैकेज मानकर देखता रहा।
टाइम्स नाउ चैनल हो या एनडीटीवी या आज तक के स्तरीय इंटरव्यू की तरह उसका प्रभाव नहीं पड़ा। दूसरा इंटरव्यू मोदी ने आपकी अदालत को दिया। उसका कुछ प्रभाव जरूर रहा। चर्चा भी हुई। इसी के बाद ही मोदी मजबूर होकर एबीपी न्यूज चैनल को इंटरव्यू देने को तैयार हुए। देश में इस इंटरव्यू को लेकर थोड़ी ज्यादा उत्सुकता है। अगर सवालों में दम नहीं रहा तो इसका हश्र भी वैसा ही रहेगा। उनके सामने यह चुनौती भी है।
जबकि देश में जितने भी इंटरव्यू आ रहे हैं। उनमें नेता अपनी हर बात को दोहरा रहे हैं। इसका उदाहरण महाराष्ट्र की नव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के कई चैनलों पर आए इंटरव्यू में आ चुका है। मोदी भी दोहराव से नहीं बच सके। नेताओं से ज्यादा टीवी चैनल के पत्रकारों की कमी का मामला साफ नजर आता है।बात इंटरव्यू को लेकर चल रही है तो कोलंबिया की मशहूर गायिका शकीरा की बात न हो तो बात अधूरी ही रहेगी। हालांकि राजनीति से उनका कोई सीधा सरोकार नहीं है। न ही मोदी से किसी तरह की तुलना का यह प्रयास है। यह केवल इंटरव्यू के विषय में जानकारी देने का एक प्रयास है। शकीरा और मोदी में फेसबुक की समानता जरूर है। दोनों के करोड़ों फालोअर हैं। एक दिन में चालीस इन्टरव्यू देने का रिकॉर्ड शकीरा के नाम पर है। इतना ही नहीं किसी भी इंटरव्यू में एक भी बात को उन्होंने दोहराया नहीं था। चाहे व तथ्य हो या सवालों के जबाव। कोलंबिया के बारान्कीया इलाके की रहने वाली इस 25 साल की गायिका की लोकप्रियता देश की सीमाओ से परे जा चुकी है। भारत में भी उनका लाइव शो हो चुका है। वह भी युवाओं के बीच। उन्ही के देश के मशहूर लेखक गाब्रिएल गार्सीया मारकेज ने 8 जून 2002 को शकीरा का इंटरव्यू लिया था। जिसे द गार्जियन अखबार में प्रकाशित हुआ था। इस इंटरव्यू में बताया गया कि शकीरा की व्यस्तता का आलम क्या है। वह करीब दस साल की उम्र से पॉप संगीत की सितारा बनी हुई हैं।
इसी कड़ी में सोमवार को 21 अप्रैल 2014 को जीटीवी के पत्रकार सुमित अवस्थी ने जरूर थोड़ा नया नजरिया पेश किया है। वाराणसी के पूर्व सांसद मुरली मनोहर जोशी इंटरव्यू के दौरान उखड़ गए थे। उन्होंने चैनल के टीवी फुटेज भी डिलिट करा दिए थे। इस पूरे मामले का चैनल ने खुलासा कर दिया।